तेरा ग़म....
तस्बीह के दाने सा सो आँख से गिरने न दिया
सुना है वो समन्दरोँ के भी हिसाब रखता है
इसी वास्ते दरपेश खुदा के ये सैलाब रख दिया
तस्बीह के दाने सा सो आँख से गिरने न दिया
सुना है वो समन्दरोँ के भी हिसाब रखता है
इसी वास्ते दरपेश खुदा के ये सैलाब रख दिया
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